-->

Notification

×

Iklan

Iklan

Indeks Berita

Tag Terpopuler

क्रिकेटर रिंकू सिंह और सांसद प्रिया सरोज की अनोखी मोहब्बत की कहानी!

Jun 8, 2025 | 6/08/2025 08:17:00 AM WIB Last Updated 2025-06-08T15:17:18Z

 क्रिकेट की पिच पर चौकों-छक्कों की बारिश करने वाले रिंकू सिंह, अब प्रिया सरोज के प्यार में हमेशा के लिए क्लीन बोल्ड हो चुके हैं। जो रिंकू सिंह कल तक क्रिकेट के मैदान में दूसरों को क्लीन बोल्ड करते थे, आज खुद प्रिया के प्यार में दिल दे बैठे हैं। न कोई शोर, न कोई दिखावा, बस गहरी निगाहें और अनकही बातें। हर मुलाकात में जैसे वक्त थम जाता और दिलों की धड़कनें साथ-साथ चलने लगतीं।



जहाँ क्रिकेट की चमक और राजनीति की रोशनी के बीच, सबसे प्यारी चमक है उनकी मोहब्बत की। जो अब सात जन्मों के बंधन में बंध चुकी है। क्रिकेट के मैदान से लेकर संसद की गैलरी तक – ये जोड़ी अब सिर्फ चर्चाओं में नहीं, बल्कि रिश्तों में भी एक मिसाल बन चुकी है।


रिंकू सिंह, जिनकी मेहनत की कहानी हर क्रिकेट प्रेमी को प्रेरणा देती है, वही प्रिया सरोज, एक युवा सांसद जो अपने पारिवारिक विरासत और आत्मबल से राजनीति में नई पहचान बना रही हैं – दोनों ने अपने रिश्ते को नया नाम दिया है। दो सितारे, दो सफर लेकिन मंज़िल एक! अब हर कोई कह रहा है – "क्रिकेट की बाउंड्री और राजनीति की डिबेट्स के बीच, प्यार ने जीत दर्ज कर ली!"


उत्तर प्रदेश के एक छोटे से जिले अलीगढ़ से निकला एक लड़का, जिसने अपने बल्ले से दुनिया भर में नाम कमाया। अब वो प्रिया सरोज के हो चुके हैं। बाएं हाथ के धुरंधर बल्लेबाज रिंकू सिंह का सफर आसान नहीं रहा। गरीबी और संघर्षों से जूझते हुए उन्होंने क्रिकेट को अपना जुनून बनाया। एक ऐसे परिवार से आना जहां सुविधाएं कम थीं, रिंकू ने अपने सपने को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत की। शुरुआत में घरेलू क्रिकेट में अपनी छाप छोड़ी और फिर आईपीएल में कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए खेलते हुए उन्होंने जो पहचान बनाई, वो काबिले तारीफ है। कई बार उन्होंने अपनी टीम को हारी हुई बाजी जिताई और 'फिनिशर' के रूप में अपनी धाक जमाई। उनके जुझारूपन और कभी हार न मानने वाले रवैये ने उन्हें लाखों दिलों का हीरो बना दिया।


प्रिया सरोज एक राजनीतिक परिवार से आती हैं। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता तूफानी सरोज की बेटी हैं। प्रिया ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीए एलएलबी की पढ़ाई की है और 2024 में उत्तर प्रदेश के मछलीशहर से लोकसभा चुनाव जीतकर सबको चौंका दिया। कम उम्र में संसद तक का सफर तय करना उनकी कड़ी मेहनत, लगन और जनता के प्रति समर्पण का प्रमाण है। उनके पिता, तूफानी सरोज, भी राजनीति में एक जाना-पहचाना नाम हैं, लेकिन प्रिया ने अपनी खुद की पहचान बनाई। उन्होंने कानून की पढ़ाई की और समाज सेवा में सक्रिय रहीं। उनकी जीत यह दिखाती है कि अगर हौसले बुलंद हों, तो कोई भी मंजिल दूर नहीं।


रिंकू सिंह और प्रिया सरोज की पहली मुलाकात एक कॉमन फ्रेंड के जरिए हुई। शुरुआत में सिर्फ दोस्ती थी, लेकिन यही दोस्ती धीरे-धीरे प्यार में बदल गई। दोनों एक-दूसरे के करीब आते गए। रिंकू की सादगी और प्रिया की समझदारी ने उन्हें एक-दूसरे का दीवाना बना दिया। दोनों ने अपने रिश्ते को काफी समय तक निजी रखा, लेकिन अब उन्होंने इसे सार्वजनिक कर दिया है और दोनों की दोस्ती आज रिंग सेरेमनी तक पहुंच चुकी है।


यह सिर्फ एक प्रेम कहानी नहीं, बल्कि प्रेरणा की कहानी भी है। रिंकू सिंह और प्रिया सरोज दोनों ने ही अपने-अपने क्षेत्र में संघर्षों का सामना किया और सफलता हासिल की। रिंकू ने साबित किया कि अगर आप अपने सपने के लिए जी-जान लगा दें, तो छोटे शहर से निकलकर भी बड़ा नाम कमाया जा सकता है। वहीं, प्रिया सरोज ने दिखाया कि महिलाएं राजनीति में भी नेतृत्व कर सकती हैं और बदलाव ला सकती हैं। इन दोनों की कहानी हमें यह सिखाती है कि प्यार की कोई सीमा नहीं होती, और सफलता किसी की जागीर नहीं होती। यह कहानी साबित करती है कि अगर आपका दिल साफ है और इरादे नेक, तो आप किसी भी बाधा को पार कर सकते हैं। चाहे वो मैदान हो या मंच — रिंकू सिंह हर जगह दिल जीतने का हुनर जानते हैं। और इस बार, उन्होंने जो सबसे बड़ी जीत हासिल की है — वो है प्रिया सरोज का प्यार।


रिंकू और प्रिया — दो सितारे, दो सफर, लेकिन अब एक ही मंज़िल। जो एक-दूसरे की रौशनी बनकर अब एक नई शुरुआत की ओर बढ़ रहे हैं। हर कोई कह रहा है: "क्रिकेट की बाउंड्री और संसद की बहसों के बीच, इस बार मोहब्बत ने बाज़ी मार ली है।" और यही मोहब्बत, इन दोनों की सबसे बड़ी जीत है।

×
Berita Terbaru Update