इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री दुराचार के आरोपी स्वामी चिन्मयानंद की जमानतअर्जी पर अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है स्वामी चिन्मयानंद एल एल एम छात्रा के दुराचार के आरोप में जेल में बंद हैं ।
न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने दोनों पक्षों की लंबी चली बहस के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया।
याचीके वरिष्ठ अधिवक्ता दिलीप कुमार का कहना था कि कथित पीड़िता ने ब्लैक मेलिंग के आरोप से बचने के लिए स्वामी को दुराचार के झूठे आरोप में फंसाया है। छात्रा पर अपने मित्रों के साथ स्वामी को ब्लैक मेलिंग करने के पर्याप्त सबूत उपलब्ध हैं ।
छात्रा के पिता ने उसके लापता होने की एफ आई आर दर्ज कराई थी ,जबकि पीड़िता ने स्वयं ही कहा है कि वह अपनी मर्जी से रक्षाबंधन के पहले शाहजहांपुर से मित्रों के साथ बाहर चली गई थी ।छात्रा ने वीडियो वायरल कर स्वामी चिन्मयानंद पर दुराचार करने का आरोप लगाया ।इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप किया और पीड़िता को कोर्ट में पेश किया गया ।
पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष स्वामी जी पर दुराचार के आरोप नहीं लगाए और बाद में वकीलों की सलाह से मनगढ़ंत आरोप लगाए हैं पीड़िता की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता रवि किरण जैन का कहना था कि पीड़िता के पास स्वामी के अत्याचारों की वीडियो क्लिपिंग है ।
जो वायरल है। इससे पहले भी स्वामी परअपनी शिष्या के साथ दुराचार का आरोप लगा है। कई छात्राओं के साथ स्वामी पर दुराचार करने के आरोप हैं। आरोप गंभीर हैं ।ऐसे आरोपी को रिहा किया गया तो अपराधियों को बढ़ावा मिलेगा।और निष्पक्ष विचारण नही हो पायेगा। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लियाहै।