यूपी के इतिहास में पहली बार—किसी मुख्यमंत्री ने बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों पर इतना बड़ा,एक्शन लिया है। पहली बार—किसी सीएम ने यूपी में घुसपैठियों के लिए डिटेंशन सेंटर बनाने का आदेश जारी किया है ? जिस वक्त बंगाल में ममता बनर्जी खुलेआम बांग्लादेशी घुसपैठियों के साथ खड़ी हैं…
उनके लिए रैलियाँ निकल रही है ..उन्हें ‘सताए हुए लोग’ बताकर राजनीतिक ढाल देने की कोशिश कर रही हैं …उसी समय—यूपी में योगी आदित्यनाथ ने घुसपैठ के पूरे तंत्र पर अब तक का सबसे बड़ा प्रहार कर दिया है। उनके एक आदेश ने घुसपैठियों में हलचल बढ़ा दी ...तो क्या अब बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों को चुन चुन कर सलाखों के पीछे बंद किया जायेगा । आख़िर योगी सरकार ने ऐसा कौन-सा आदेश दिया है जिसने .घुसपिथियों में खलबली और उनके हमदर्दों की धड्कान बढ़ा दी है चलिए इस ५ मिनिट की रिपोर्ट में आपको समझते है ,,,
वर्ष 1947 — -में जब भारत आज़ाद हुआ, तो अवैध घुसपैठ देश की सबसे बड़ी चुनौती थी। देशभर में बांग्लादेश और पाकिस्तानी से बड़ी संख्या.में घुसपैठ हुई जिसने ..असम से लेकर बंगाल तक। और बिहार से लेकर यूपी तक न सिर्फ भारत की डेमोग्राफी बदली, बल्कि देश की सुरक्षा के लिए भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए . Home Ministry और Dandekar Committee, ने भी अपनी रिपोर्ट में इसका का जिक्र भी किया है... कैसे देश में बड़ी संख्या में हो रही घुसपैठ देश की डेमोग्राफी बदल रही है...... लेकिन वोट बैंक की राजनीति और सत्ता की चाहत ने इसे लगातार बढ़ने का मौका दिया .... और आज हालत ऐसे की , यही घुसपैठिए देश में दो करोड़ को पार कर चुके है . जो अब भारत में गजवाये हिन्द का सपना देख रहे है . ........ और इनका टारगेट है , २०४७ .. तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाना .. और इस सापने के लिए लगातार अपनी संख्या बढ़ा रहे है .. लेकिन अब योगी सरकार ने इनके इस सपने पर फुल स्टॉप लगा दिया है
अब सवाल ये कि—आख़िर योगी आदित्यनाथ के एक आदेश ने इतनी बड़ी हलचल कैसे मचा दी? योगी सरकार ने सिर्फ बयान नहीं दिया—सीधा सिस्टम पर सर्जिकल स्ट्राइक जैसा आदेश जारी किया। दरसल योगी आदित्यनाथ ने यूपी के 17 नगर निकायों में रहने और काम करने वाले हर संदिग्ध व्यक्ति की पहचान की लिस्ट तैयार करने का निर्देश। दिए है ? इसके साथ ही हर संदिग्ध नागरिक के दस्तावेज़ की फास्ट-ट्रैक जांच। आधार कार्ड— वेर्फिकेशन के आदेश दिए है..
लेकिन योगी सरकार का सबसे बड़ा आदेश है — यूपी के हर मंडल में ‘डिटेंशन सेंटर’ बनाने की शुरुआत। यही वो फैसला है जिसने घुसपैठियों में खलबली मचा दी है। क्योंकि अब तक—अवैध घुसपैठिए पकड़े जाते थे फिर छोड़े भी जाते थे…पता ही नहीं चलता था कि वे कहाँ गायब हो गए। लेकिन अब स्थिति बदल रही है: अब कोई भी संदिग्ध व्यक्ति हिरासत से गायब नहीं होगा अब हर संदिग्ध को कानूनी प्रक्रिया पूरा होने तक उसे डिटेंशन सेंटरमें रखा जाएगा ...
यही वजह है कि यह आदेश सिर्फ प्रशासनिक नोटिस नहीं—बल्कि घुसपैठियों के लिए ‘सिस्टम का अलार्म बेल’ बन चुका है। देश में पहले ही स्पेशल इंटेंसिव रिवीज़न चल रहा है .. जो अवैध रोहंगियों की पहचना कर रहा है ..और आब योगी के इस आदेश .ने घुसपैठियों के बीच हलचल बढ़ा दी है ..भले ही बंगाल में वोट की राजनीती के लिए घुसपैठियों को राजनीतिक संरक्षण मिल रहा है, लेकिन यूपी में सीएम योगी ने घुसपैठियों के लिए डिटेंशन सेंटर के लिए आदेश देकर ये साफ़ कर दिया है की ... किसी भी घुसपैठियों को बक्सा नहीं जायेगा ......
लेकिन ये पहली बार नहीं है जब किसी स्टेट ने डिटेंशन सेंटर का आदेश दिया है .. इसके पहले असम, 6 डिटेंशन सेंटर बनाये जा चुके है जहाँ .. अवैध नागरिक घोषित किये गए लोग को रख जाता है इसके अलावा दिल्ली और कर्नाटक में भी डिटेंशन सेंटर मौजूद हैं, लेकिन ये समिति स्तर पर है लेकिन यूपी का ये आदेश बांकी जगहों से अलगा है क्योंकि यहाँ बात एक–दो जिलों की नहीं, पूरे प्रदेश के हर मंडल की है। यानी—हर मंडल में एक डिटेंशन सेंटर बनाया जायेगा घुसपैठ के खिलाफ 'सिस्टम' पहली बार इतने बड़े स्टार पर डिटेंशन सेंटर बना रहा है —और यही वजह है कि यह आदेश देश की राजनीति के साथ साथ घुसपैठियों की नीद उड़ा चूका है .. अब कार्यवाही नहीं चलेगी . अब फैसला ओंन स्पॉट होगा .. वो भी संविधान के दायरे में योगी सरकार के इस आदेश एक बाद फर्जी दस्तावेज़ बनाने वाले गिरोह, बॉर्डर क्रॉसिंग कराने वाले दलाल, और राजनीतिक हमदर्द—सभी पर कानूनी शिकंजा कसने वाला है। यही वजह है कि आज—उत्तर प्रदेश का यह फैसला केवल एक प्रशासनिक आदेश नहीं— बल्कि भारतीय राजनीति और सुरक्षा व्यवस्था में एक turning point माना जा रहा है।

