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इजराइल और ईरान के बीच युद्ध चल रहा है। अब तक 237 मौतें, 870 से ज्यादा लोग घायाल है

Jun 16, 2025 | 6/16/2025 10:42:00 PM WIB Last Updated 2025-06-17T05:42:40Z

 इजराइल और ईरान के बीच युद्ध चल रहा है। अब तक 237 मौतें, 870 से ज्यादा लोग घायाल है  । मिसाइलें आसमान चीर रही हैं, शहर तबाह हो रहे.तेल की कीमतें आसमान छू रही हैं, और UN चेतावनी दे रहा है: ‘दिस कुड बी वर्ल्ड वार थ्री..यह लड़ाई अब सिर्फ दो देशों तक सीमित नहीं रही।  यह संघर्ष धीरे-धीरे पूरी दुनिया को अपनी चपेट में लेता जा रहा है और हर दिन हमें तीसरे विश्व युद्ध के और करीब ले जा रहा है। सवाल अब ये नहीं कि अगला हमला कब होगा — सवाल है कि दुनिया किस ओर झुकेगी? और भारत किसके साथ खड़ा होगा?" उस इजराइल के साथ जिसने कारगिल युद्ध से ओपरेशन सिंदूर तक भारत का साथ दिया ..या उस इरान के साथ जो भारत के साथ ऊर्जा क्षेत्र में बड़ा साझेदार है?"  



"1999 — कारगिल युद्ध के समय... जब पाकिस्तान ने भारत में घुसपैठ की ..तब भारत को किसी भी पश्चिमी देश या अमेरिका से कोई सैन्य समर्थन नहीं मिला, लेकिन इजराइल एक अकेला ऐसा देश था..जिसने उस वक्त  भारत को स्पाइक मिसाइल सिस्टम, लेज़र गाइडेड बम और अन्य अत्याधुनिक हथियारों की आपात डिलीवरी की थी ।आज भारत 20,000 करोड़ रुपये से ज़्यादा की डिफेंस डील्स इजराइल से करता है। भारत में 5 से ज़्यादा संयुक्त उत्पादन प्रोजेक्ट चल रहे हैं — जैसे ‘बैराक-8 एंटी मिसाइल सिस्टम’, और हाल ही में ‘AI आधारित सर्विलांस ड्रोन’ का ट्रायल राजस्थान में हुआ।" भारत इजराइल से हेरॉन ड्रोन, स्पाइक मिसाइल, फाल्कन रडार, और एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलें ले रहा है। दोनों देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हैं, और टेक्नोलॉजी में साझेदार भी।" 


14 जून 2025 को इजराइल ने 'ऑपरेशन Silent Thunder' लॉन्च किया। और  6 F-35 जेट, 8 हेरॉन ड्रोन, और टॉमहॉक मिसाइलों से ईरान के 150 से ज्यादा  ठिकानों पर हमला किया  — और सिर्फ 20 मिनट में ही 150+ टार्गेट्स को ध्वस्त  कर दिया । तेहरान के रक्षा मंत्रालय, बुशहर की गैस रिफाइनरी, और क़ुम के हथियार डिपो नष्ट कर दिया ।  बुशहर की गैस पाइपलाइन में लगी आग को 18 घंटे बाद बुझाया जा सका। ईरान का दावा: है की इस हमले में उसके  12 वैज्ञानिक, 25 वरिष्ठ अधिकारी और 100 से अधिक सैनिक मारे गए।"


उसके दुसरे दिन यानि 15 जून को  ईरान ने ऑपरेशन ZULFIQAR लॉन्च किया और । फतह-110, शहाब-3 और ज़ुल्फ़िकार मिसाइलों से तेल अवीव, हाइफा और डिमोना न्यूक्लियर फैसिलिटी को निशाना बनाया गया। ईरान ने दावा किया: की उसने इजराइल के  3 F-35 जेट मार गिराए गए,  उसके हमले 500 से ज़्यादा घायल हुए , और 2 एयरबेस आंशिक रूप से तबाह हुए है। 


संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में युद्धविराम के लिए प्रस्ताव आया लेकिन रूस और चीन ने वीटो कर दिया। अमेरिका ने सेंटकॉम के ज़रिए 2 फाइटर स्क्वाड्रन UAE में तैनात किए। तो रूस ने सीरिया के टार्टस बेस पर S-500 तैनात कर दिए हैं। चीन ने संयम की अपील की, लेकिन चोरी छिपे ईरान को ड्रोन और JY-27A Radar System' की सप्लाई बढ़ाई है मतलब वैश्विक महाशक्तियाँ अब धीरे-धीरे इस संघर्ष की ओर खिंच रही हैं।"  जो इसे बड़े युद्ध में धकेल सकता है 


"भारत के सामने दो रास्ते हैं एक तरफ इजराइल, जिसने हर मुशिकल वक्त में भारत का साथ दिया है  और दूसरी तरफ ईरान, जो एनर्जी और जियो-पॉलिटिक्स में भारत के लिए अहम है। फिलहाल भारत तटस्थ है... और खुलकर किसी भी देश के साथ नहीं खडा हुआ है  लेकिन हालात हर घंटे बदल रहे हैं।" इजराइल के पक्ष में जाना अमेरिका और पश्चिम के करीब लाएगा, जबकि ईरान से दूरी भारत-रूस-ईरान कनेक्शन को तोड़ सकती है। हर विकल्प के अपने खतरे हैं।"  


ईरान भारत के लिए सिर्फ एक तेल आपूर्तिकर्ता नहीं, बल्कि सामरिक साझेदार  भी है।  2023 तक भारत अपनी जरूरत का 13.5% कच्चा तेल ईरान से ले रहा था। हालकी अमेरिका के ईरान पर लागए गए शेसन से इसमें कमी आई है , लेकिन दोनों देशो अपने रिश्ते ख़राब नहीं किये ,,,  चाबहार पोर्ट, जिसे  भारत ने 500 मिलियन डॉलर निवेश से विकसित किया है, अब International North South Transport Corridor) का गेटवे बन चुका है।" चाबहार पोर्ट भारत, अफगानिस्तान और मध्य एशिया को जोड़ता है। इसके ज़रिए पाकिस्तान और चीन को बायपास किया जा सकता है। यानी भारत के लिए ये मुशिकल की घड़ी , की ईरान के साथ खडा हो या  इजराइल के साथ ? 


मिडिल ईस्ट में हो रहे इस वार का अब पूरी दुनिया में असर भी पड़ने लगा है..  ब्रेंट क्रूड ऑइल $89.3/बैरल पर पहुंच गया है —पेट्रोल भारत में ₹97–99 तक पहुंच चुका है। मुंबई में ₹101/लीटर रेट रिकॉर्ड हुआ है। Sensex 1400 अंक गिरा। RBI ने इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है।  अगर रूस-चीन या NATO देश खुलकर इस युद्ध शामिल हुए, तो यह संघर्ष तीसरे विश्व युद्ध में बदल सकता है।"  


भारत आज एक उभरती वैश्विक शक्ति है, और उसके लिए यह सिर्फ दोस्ती या दुश्मनी का मामला नहीं — बल्कि रणनीतिक, कूटनीतिक और आर्थिक संतुलन का प्रश्न है।इसलिए यह समय भारत के लिए एक अग्निपरीक्षा जैसा है। क्या भारत तटस्थ रहेगा? क्या वह शांति की मध्यस्थता करेगा? या फिर किसी एक पक्ष के साथ खड़ा होगा? यह आने वाला वक्त बताएगा। 📢 आप क्या सोचते हैं? भारत किसके साथ खड़ा हो? कमेंट करें, शेयर करें, और इस बहस का हिस्सा बनें।



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