नयी दिल्ली. कश्मीर घाटी से 1990 के दशक में विस्थापित हुए कश्मीरी पंडितों ने सोमवार को संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाये जाने का सोमवार को स्वागत किया. उन्हों उम्मीद जताई कि इससे क्षेत्र में शांति का माहौल स्थापित होगा और मूल स्थान पर सम्मान एवं गरिमा के साथ उनकी वापसी का मार्ग प्रशस्त होगा.
सरकार ने सोमवार को जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटा दिया, और राज्य को दो केन्द्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बांटने का प्रस्ताव दिया.
उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में अर्से से बसे कश्मीरी पंडितों ने सोमवार को केंद्र सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद-370 को हटाये जाने पर जश्न मनाया. उन्होंने कहा कि इस फैसले से उनमें अपनी पैतृक भूमि लौटने की उम्मीद जगी है. कश्मीरी पंडितों के संगठन पनुन कश्मीर के सचिव रवि काचरू ने कहा, केंद्र सरकार का यह ऐतिहासिक कदम उस घाटी में एक बार फिर अमन कायम होने के लिहाज से मील का पत्थर साबित होगा, जिससे हमें बरसों पहले जबरन निकाल दिया गया था.
सरकार के फैसले का स्वागत किया:
नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को लगभग पूरी तरह समाप्त करते हुए राज्य को दो हिस्सों में बांटने का निर्णय लिया है. इस निर्णय का स्वागत करते हुए कश्मीरी पंडितों ने नारेबाजी की और सरकार को धन्यवाद दिया.