फतेहपुर - कभी सपा के कद्दावर नेता रहे राकेश सचान मुलयम सिंह के बेहद खास हुवा करते थे, लेकिन आज उनकी हालत ऐसी हो गयी की आज उसी पार्टी ने उन्हें धक्के मारकर पार्टी से बहार का रास्ता दिखा दिया अब नेता जी न इधर के रहे न उधर के तो मजबूरन कांग्रेस ज्वाइन करली एक बार फिर नयी पार्टी में अपनी जगह तलासने लगे।
वही कांग्रेस ने भी नेता जी पर विश्वास जताया और फतेहपुर लोकसभा टिकट का नेता जी की झोली में डाल तो दिया ,लेकिन कांग्रेस के विश्वाश पर अब नेता जी खरे उतर पाएंगे या फिर 2014 जैसा ही हाल होगा उस बार राकेश सचान सपा से थे और इस बार कांग्रेस से ये गैप 2019 के लोकसभा चुनाव में कितना भर पता है ये तो 2019 के चुनाव के नतीजों के बाद ही पता चलेगा।
अगर इनके राजनितिक कैरियर की बात करे तो 20 दिसंबर 1964 जन्में राकेश सचान दो बार विधायक और एक बार समजवादी पार्टी के टिकट से फतेहपुर के सांसद भी रह चुके है. और एक बार फिर से फतेहपुर (लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र) कांग्रेस के टिकट से लोक सभा 2019 का चुनावलड़ रहे है.
अब नेता जी इसमें कितना सफल हो पाते है या फिर नहीं ये अलग बात है . लोकसभा २०१४ के चुनाव में 179.724 वोट मिले थे वही 485.994 बीजेपी से उमीदवार रही साध्वी निरंजयोति को मिले थे औरजीत का सेहरा बीजेपी सर बंधा था लेकिन इस बार का चुनाव पिछले चुनाव की अपेछा ज्यादा दिलचस्प होगा अब मोदी लहार है और नाही सबका साथ सबका विकास अब फतेहपुर की लोकसभा सीट कसके खाते में जाती है ये जनता के हाथ में में है.
वही कांग्रेस ने भी नेता जी पर विश्वास जताया और फतेहपुर लोकसभा टिकट का नेता जी की झोली में डाल तो दिया ,लेकिन कांग्रेस के विश्वाश पर अब नेता जी खरे उतर पाएंगे या फिर 2014 जैसा ही हाल होगा उस बार राकेश सचान सपा से थे और इस बार कांग्रेस से ये गैप 2019 के लोकसभा चुनाव में कितना भर पता है ये तो 2019 के चुनाव के नतीजों के बाद ही पता चलेगा।
अगर इनके राजनितिक कैरियर की बात करे तो 20 दिसंबर 1964 जन्में राकेश सचान दो बार विधायक और एक बार समजवादी पार्टी के टिकट से फतेहपुर के सांसद भी रह चुके है. और एक बार फिर से फतेहपुर (लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र) कांग्रेस के टिकट से लोक सभा 2019 का चुनावलड़ रहे है.
अब नेता जी इसमें कितना सफल हो पाते है या फिर नहीं ये अलग बात है . लोकसभा २०१४ के चुनाव में 179.724 वोट मिले थे वही 485.994 बीजेपी से उमीदवार रही साध्वी निरंजयोति को मिले थे औरजीत का सेहरा बीजेपी सर बंधा था लेकिन इस बार का चुनाव पिछले चुनाव की अपेछा ज्यादा दिलचस्प होगा अब मोदी लहार है और नाही सबका साथ सबका विकास अब फतेहपुर की लोकसभा सीट कसके खाते में जाती है ये जनता के हाथ में में है.