फतेहपुर-सूबे मे रामराज्य लाने.. अपराध व अपराधी के उन्मूलन को अभियान बना चुकी सूबे की उत्तर प्रदेश सरकार की पुलिसिंग की बात की जाए तो वह अपराध नियन्त्रण मे चारो खाने चित्त नजर आती है,
अगर जनपद फतेहपुर की बात की जाए तो पिछली तिमाही मे ही दर्जन भर से ज्याद हत्याओ के साथ बलात्कार व डकैती जैसी घटनाएं थमने का नाम नही ले रही.. ग्रामीणांचल मे रात मे लगने वाले पिकेट मे न तो जवान दिखायी देते हा ना ही पी. आर. वी.. पिकेट ड्यूटी मे लगाए जाने वाले होमगार्ड के जवान या तो खर्राटा मारते नजर आते है या तो मोबाइल मे वीडियो देखने मे मशगूल.. शहर की ध्वस्त यातायात व्यवस्था के दौरान चौराहे मे लगाए गए जवान मजे से दुकानो के बाहर पड़ी कुर्सी मे समाचार पत्रो के अवलोकन मे व्यस्त रहते है
क्विक एक्शन के लिए जानी जाने वाली डायल 100 की कारगुजारियां भी किसी से छिपी नही की किस तरह खनन से आने वाली ओवरलोडिंग वाहन चालको द्वारा मुट्ठी गरम करती तस्वीर अब आम हो चुकी है.... ऐसे मे जब पुलिसिंग के हाल ये हो तो अपराध के अंकुश ना लग पाने के साथ ही अपराध का पनपना स्वाभाविक हो जाता है ,
कोतवाली फतेहपुर के पीछे स्थित पीरनपुर पानी टंकी परिसर मे देखने को मिलता है जहां दिन भर जुआड़ियो का तांता लगा रहता है तथा किशोर व युवा स्मैक जैसे संगीन नशा करते देखे जा सकते है.. शाम को तो ये नजारा और भी रोचक हो जाता है जब जुओ की फड़ व नशेबाजो के समूह से पुरा परिसर गुलजार रहता है... परिसर के बगल मे ही प्राथमिक विद्यालय होने से विद्यालय के बच्चो मे भी इसका प्रतिकूल असर हो सकता है
डूडा द्वारा घोषित नगरीय मलिन पीरनपुर व समीपवर्ती पनी बस्ती मे हो रहै इस जरायम व इससे जुड़े गोरखधंधे मे कई सफेदपोशो की लिप्तता को भी खारिज नही किया जा सकता... अगर सम्बन्धित मुद्दे पर प्रशासन द्वारा कार्यवाही ना की गयी तो जल्द ही शहर के युवा व किशोर नशे के रूप मे इस मीठे जहर की चपेट मे आने से रोका जा सकता.

क्विक एक्शन के लिए जानी जाने वाली डायल 100 की कारगुजारियां भी किसी से छिपी नही की किस तरह खनन से आने वाली ओवरलोडिंग वाहन चालको द्वारा मुट्ठी गरम करती तस्वीर अब आम हो चुकी है.... ऐसे मे जब पुलिसिंग के हाल ये हो तो अपराध के अंकुश ना लग पाने के साथ ही अपराध का पनपना स्वाभाविक हो जाता है ,
कोतवाली फतेहपुर के पीछे स्थित पीरनपुर पानी टंकी परिसर मे देखने को मिलता है जहां दिन भर जुआड़ियो का तांता लगा रहता है तथा किशोर व युवा स्मैक जैसे संगीन नशा करते देखे जा सकते है.. शाम को तो ये नजारा और भी रोचक हो जाता है जब जुओ की फड़ व नशेबाजो के समूह से पुरा परिसर गुलजार रहता है... परिसर के बगल मे ही प्राथमिक विद्यालय होने से विद्यालय के बच्चो मे भी इसका प्रतिकूल असर हो सकता है
डूडा द्वारा घोषित नगरीय मलिन पीरनपुर व समीपवर्ती पनी बस्ती मे हो रहै इस जरायम व इससे जुड़े गोरखधंधे मे कई सफेदपोशो की लिप्तता को भी खारिज नही किया जा सकता... अगर सम्बन्धित मुद्दे पर प्रशासन द्वारा कार्यवाही ना की गयी तो जल्द ही शहर के युवा व किशोर नशे के रूप मे इस मीठे जहर की चपेट मे आने से रोका जा सकता.