बरेली हिंसा के बाद सीयम योगी और यूपी पुलिस दोनों एक्शन मोड़ पर है ? दंगाइयों को खीज खोजकर जहनुम भेजा जा रहा है ... किसी का एनकाउंटर हो रहा है तो किसी .को सल्खाओं के पीछे कैद किया जा रहा है ...जिन जिन दंगईयों ने यूपी जालने की प्लानिंग की थी . अब उनके घरो में बुलडोज़र चलाने की प्लानिंग हो रही है ... इतिहास गवाह है ... जीस किसी ने भी यूपी को अपनी जागीर समझने को कोशिश की है ... यूपी को हिंसा की आग में धकेलने की साजिश रची है .... उसका या तो अंत हुआ है या फिर .. वो जेल में चक्की पीस रहा है ..
जिस तौकीर रजा ने यूपी को हिंसा की आग में धकेलने की साजिश रची थी ... उसके अंजाम की रिपोर्ट भी तैयार हो चुकी है .. उसके एक एक जुर्म का हिसाब पुलिस की डायरी में दर्ज हो चुक है....बस इन्तजार है तो सिर्फ योगी के एक आदेश का ? तौकीर रजा पहली बार कानून की नजर में नहीं आया है । उसकी क्राइम हिस्ट्री लंबी है । 2010 में बरेली दंगों में उसका भड़काऊ भाषण हिंसा की मुख्बय वजह बना । 2019 के दौरान CAA-NRC विरोध प्रदर्शन में उसने भीड़ को उकसाने का काम किया। 26 सितंबर 2025 को, ‘I Love Muhammad’ अभियान के दौरान हुई हिंसा इसी पैटर्न का हिस्सा थी
बरेली के जरिये जिस तरह यूपी को दंगो की आग में झुलासने की कोशिश की गयी .. दंगो से हफ्तों पहले बाहर से लोग बुलाये गए ..और उसके बाद प्रोटेस्ट के नाम सडको को जंग का मैद्दान बना दिया ... लेकिन श्याद वो ये भूल गए .. यूपी में उस सीएम की सरकार है जो हर दंगई .. उसी के भासा में जवाब देता है ? खुले मंचो से एलान कर करता है एक जुर्म का हिसाब लिया जाएगा और बराबर लिया जाएगा ?.. और इसकी बानगी इकबाल और इदरीश के एनकाउंटर से शुरू हो चुकी है .ये वाही इकबाल और इदरीश है जो शाहजहापुर से बरेली गए थे .. सीएम योगो को चुनौती देने .. लेकिन अब खुद के लिए चुनौती कड़ी हो चुकी है .....
सीएम योगी ने जब से यूपी की सता संभाली है ... उसके बाद से ही माफिया , अपराधी . गुंडों के अंत का काऊंन डाउन शुरू हो गया था.. इसे ऐसे समझिये की 2017 से 2022 के बीच यूपी पुलिस ने 8,472 एनकाउंटर किए .जिसमे से 172 अपराधी मारे गए और 3,302 अपराधी घायल हुए...और करीब 20,000 से ज्यादा अपराधी जेल भेजे गए.. अतीक अहमद, मुख्तार अंसारी, जैसे बड़े-बड़े माफिया – मिट्टी में मिला दिए गए ? इतना ही नहीं योगी सरकार ने करीब ₹2,000 करोड़ से ज्यादा की अवैध संपत्ति भी जब्त की है...अकेले अतीक अहमद गिरोह की ₹1,200 करोड़ संपत्ति ज़ब्त हुई है......बरेली में हुई हालिया कार्रवाई उसी कड़ी का हिस्सा है। यानी योगी जानते है की की माफियाओं और दंगीयों का कैसे इलाज करना है ......
योगी आदित्यनाथ पहले ही ये कहा चुके है की ...अपराधी या तो जेल में होंगे या प्रदेश छोड़ देंगे।” जो बचेंगे उन “माफियाओं को मिट्टी में मिला देंगे।” और उनके बयानों की तस्वीर बरेली और सभाल में दिखती है ... जब अपराधियों पर कार्यवाईया होती है ... बरेली में अब तक पुलिस ने कुल 62 आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनमें तौकीर रजा, उनके दामाद मोहसिन रजा भी शामिल हैं। प्रशासन ने आरोपियों की आठ अवैध संपत्तियों की पहचान की है , जहा जल्हीद बुलडोज़र चल सकता है... यानी बरेली में हुए बवाल का चुचुनकर हिस्बा हो रहा है .. कुछ लोग कहा रहे है की यह मुलिम समुदय को निशाने बाने के लिए किया जा रहा है .. लेकिन आपकी राय क्या है

